मित्रांनो,
पहिल्यांदाच हिंदी कविता लिहिलेय. आवडली तर like करा. प्रतिक्रिया कळवा...
जिंदगीसे ज्यादा चाहत है हमे
जिन्दगिया बनाने कि,
सच्चे दिलवाले हो जो लोग
उनके दिलों मे जगह पानेकी
वो ख्वाब ना देखें हम
जो ख्वाबो मे रह जाये,
हम जो दिल से सोचे, चाहे
हर हालत मे वो पाये
ना मिलेगा भगवान
अगर मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारोमे जाओगे
देने की चाह अगर हो दिल मे
तो हर इन्सान की मुस्कान मे उसे पाओगे
बस इतनीसी ख्वाहिश है दिलमे
के मरने से पहले चेहरेपे मुस्कान आये
मरते हुये भी अगर कोई सोचे हमारे बारेमे
तो उसमे भी फिरसे जान आये
तो उसमे भी फिरसे जान आये…
जय हिंद
- विनोद अनंत मेस्त्री
पहिल्यांदाच हिंदी कविता लिहिलेय. आवडली तर like करा. प्रतिक्रिया कळवा...
जिंदगीसे ज्यादा चाहत है हमे
जिन्दगिया बनाने कि,
सच्चे दिलवाले हो जो लोग
उनके दिलों मे जगह पानेकी
वो ख्वाब ना देखें हम
जो ख्वाबो मे रह जाये,
हम जो दिल से सोचे, चाहे
हर हालत मे वो पाये
ना मिलेगा भगवान
अगर मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारोमे जाओगे
देने की चाह अगर हो दिल मे
तो हर इन्सान की मुस्कान मे उसे पाओगे
बस इतनीसी ख्वाहिश है दिलमे
के मरने से पहले चेहरेपे मुस्कान आये
मरते हुये भी अगर कोई सोचे हमारे बारेमे
तो उसमे भी फिरसे जान आये
तो उसमे भी फिरसे जान आये…
जय हिंद
- विनोद अनंत मेस्त्री
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